શનિવાર, 10 નવેમ્બર, 2012

..........રંગ ભરી આકાશે


જળવિહીન સુની નભવાદળી
પથ સંગ ઉડે રંગ ભરી આકાશે
કુલ-માછલી કોમળ અધરે
અડધા નભમાં અડધું વાદળ
અડધી વરસી વર્ષા ખુણે
તપતુ રુદન અડધું ભીંજે સાંજે.....
..........રંગ ભરી આકાશે
જંગલ ઉગ્યું કોંક્રિટ ના શેહરે
નમણું તરણું અતીત પેહરે
ધગ ધગતું હૈયું પીગળે આંખે
ગાલે સરકે સુંવાળુ ઝાંખે
ચશ્મિશ આંખે ઝુકેલ ખંધે
ફુલ ચુંદડી સરકે
..........રંગ ભરી આકાશે
વાદળ વગરનું કેસરિયાળું 
રક્તિમ પીળું સ્તબ્ધ નભે
સુર્ય અસ્ત પનધટે
આંખે ટપ ટપ ચમકે
ગર્જે નભમાં વિજ ઝબુકી
મેઘ કરે સવારી જો ગાજે
ભીંજાઈયે બારેમાસ સાંજે
..........રંગ ભરી આકાશે
-રેખા શુક્લ ૧૧/૧૨/૧૨

उसका ही बनाना....!!!!

उसका ही बनाना....!!!!

मेरी किस्मत के 

हर एक पन्ने पे

मेरे जीते जी

बाद मरने के 

मेरे हर एक कल

हर एक लम्हैं मे

तु लिख दे मेरा उसे

हर कहानी मे सारे किस्सों मे

दिलकी दुनिया के सच्चे रिश्तों मे

जिंदगी के साते हिस्सो मे तु लिख दे मेरा उसे

अय खुदा अय खुदा जब बना उसका ही बना

अय खुदा अय खुदा जब बना उसका ही बना

उसका हुं उसमै हु उस से हुं उसीका रेहने दे

मैं तो प्यासा हुं हैं दरिया वो झरियां वो जीने का मेरे

मुजे घर दे गली दे शहेर दे उसी के नाम के

कदम पे चले या रुके अब उसी के वास्ते

दिल मुजे दे अगर

दर्द दे उसका पर

उसकी हो वो हंसी

गुंजे जो मेरे घरे

अय खुदा अय खुदा जब बना उसका ही बना

अय खुदा अय खुदा जब बना उसका ही बना

मेरे हिस्से की खुशी को हसीं को तु चाहे

आधा कर

चाहे लेले तु मेरी जींदगी पर ये मुझ से वादा कर

उस अश्को पे गुमान पे दुःखो पे हर उरके झख्म पर

हक्क मेरा ही रहे हर जगह हर घडी हां उम्र भर

अब फक्त हो बस यहीं

वो रहे मुझमैं ही

वो जुदा केहने को

बिछडे ना पर कभी....

अय खुदा अय खुदा जब बना उसका ही बना

अय खुदा अय खुदा जब बना उसका ही बना

मेरी किस्मत के

हर एक पन्ने पे

मेरे जीते जी

बाद मरने के

मेरे हर एक कल

हर एक लम्हैं मे

तु लिख दे मेरा उसे

अय खुदा अय खुदा जब बना उसका ही बना

अय खुदा अय खुदा जब बना उसका ही बना
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